गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि गांधी के दर्शन को जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है। देश की एकता और अखण्डता के लिए व्यक्ति में नैतिक गुण होना आवश्यक है। भारतीय संस्कृति में प्रेम, सद्भाव जैसे गुण हमेशा से रहे हैं। अंग्रेजों के भारत आने से पूर्व यहां के गांव स्वावलम्बी थे। उनमें आपसी भाईचारा तथा सहयोग की भावना थी। इससे वे एक गणराज्य की तरह कार्य करते थे। महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज्य की पुनर्स्थापना पर जोर दिया। उन्होंने इसी प्रकार के रामराज्य की परिकल्पना की थी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष में समाज में विद्वेष का कारण असमानता है। समाज में आर्थिक, सामाजिक एवं धार्मिक असमानता को मिटाए जाने की आवश्यकता है। गांधीजी ने सम्पूर्ण जीवन में अहिंसा और सत्य को परिलक्षित किया। भारतीय जीवन शैली में चरित्रवान व्यक्तियों के निर्माण पर जोर दिया जाता है। इन्ही चरित्रवान व्यक्तियों द्वारा देश को सर्वोपरि माने जाने की प्रेरणा समाज को मिलती है।
उन्होंने कहा कि गांधी चिन्तन को पढ़ने से व्यक्ति के जीवन में बदलाव आ जाता है। गांधी दर्शन के अनुसार देश के मजदूरों और किसानों की समृद्धि में ही समाज तथा देश की तरक्की निहित है। गांवों की मजबूती से भारत विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम है। गांधी दर्शन की विलक्षणता के कारण कई देशों ने इससे प्रेरणा प्राप्त कर आजादी हासिल की है।
गांधी दर्शन समिति के सह संयोजक श्री शक्ति प्रताप सिंह राठौड़ ने कहा कि हमारी पुरानी पीढ़ी ने अनगिनत कुर्बानियां देकर यह आजादी प्राप्त की है। उन महान व्यक्तियों ने नए भारत का सपना देखा था। उन्हीं सपनों को साकार करने का दायित्व वर्तमान पीढ़ी का है। समाज में समरसता तथा सम्प्रभूता पैदा करने के लिए समस्त वर्गो को आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के 150 वें जयन्ती वर्ष में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अगस्त क्रान्ति सप्ताह के दौरान महापुरूषों के प्रति सम्मान व्यक्त करने तथा उनके विचारों को आत्मसात करने के लिए गतिविधियां आयोजित की जाएगी। सोमवार को विभिन्न महापुरूषों की प्रतिमाओं के आस-पास सफाई की जाएगी। प्रातः 8 बजेे गांधी भवन स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा की सफाई की जाएगी। इसके पश्चात पटेल स्टेडियम में सरदार वल्लभ भाई पटेल, रोड़वेज स्टेशन के सामने डॉ. भीमराव अम्बेड़कर, महात्मा ज्योतिबा फुले, रामकृष्ण परमहंस तथा रविन्द्रनाथ टैगोर की प्रतिमाओं की सफाई की जाएगी। अजमेर डेयरी अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
विषय विशेषज्ञ डॉ. हरीश बेरी ने महात्मा गांधी के जीवन तथा आजादी के संघर्ष की झलक प्रस्तुत की। आजादी के आन्दोलन में समस्त वर्गों तथा अजमेर के योगदान के बारें में जानकारी दी। इसी प्रकार डॉ. राकेश कटारा ने कहा कि गांधी दर्शन तथा चिन्तन में आडम्बर रहित धर्म विद्यमान था। उन्हें सत्य के प्रयोगों से अधिक ऊर्जा मिलती थी। आत्म चिन्तन से अपनी दिशा प्राप्त करते थे। मन का अहंकार खत्म होने पर ही राम राज्य की प्राप्ति होगी। गांधी दर्शन जीवन शैली में परिलक्षित होना चाहिए। श्रीमती लता अग्रवाल ने कविता पाठ किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल, श्री सौरभ बजाड़, श्री शेलेन्द्र अग्रवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, श्री मुरारी लाल वर्मा एवं श्री विशाल दवे, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह राठौड़, अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त श्री रामचन्द्र, अभियंता श्री राजेन्द्र कुड़ी, सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। महात्मा गांधी के 150 वें जन्म जयन्ती वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में रविवार को अगस्त क्रान्ति सप्ताह के कार्यक्रमों के अन्तर्गत जयपुर रोड़ स्थित महर्षि दयानन्द सरस्वती उद्यान पर पौधारोपण किया गया।
गांधी के सपनों का भारत ही देश की असल तस्वीर-श्रीबाहेती अगस्त क्रान्ति सप्ताह का हुआ शुभारम्भ हरिभाऊ उपाध्याय नगर में हुआ मुख्य कार्यक्रम संगोष्ठी में वक्ताओं ने रखे अपने विचार
अजमेर, 9 अगस्त। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति तथा जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में अगस्त क्रान्ति सप्ताह का शुभारम्भ हरिभाऊ उपाध्याय नगर स्थित पार्क में स्वाधीनता सैनानी श्री हरिभाऊ उपाध्याय की प्रतिभा पर माल्यार्पण तथा पार्क में पौधारोपण के साथ हुआ। भारत छोड़ो आन्दोलन के विषय पर संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया।